दिल तोडके तेरे जाने पे रोया में
दुबारा लौटके न आने पे रोया में
काँटों भरी राहोमें सवार हूँ तबसे
सादीके तेरे खबर पाने पे रोया में
यादोंमे तेरे खोया रहेता हूँ रातोंमे
दिल टूटी ,दर्द भरे गाने पे रोया में
मेरी चाह मुझे भी कोई प्यार करे
फिर उसीसे चोट खाने पे रोया में
चुव्ती हे चाँदनी शरदमें भी तनको
रात दर्दकी बद॒ली छाने पे रोया में
कृष्ण मानव खड्का
सानोश्री ३ बर्दिया
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